वेद ही भेद है , उसे सिरे से नकारो , सत्य हिन्दू धर्म जानो !
जिन वैदिक आर्य ब्राह्मण धर्म को महावीर , बुद्ध , कबीर , नानक और हजारो सत्य हिन्दू धर्मी नेटिव साधु , संतो ने वेद को भेद और असमानता का जनक माना उसी वेदो को सत्यार्थ प्रकाश नमक ब्रह्मिणवादी ग्रन्थ में दयानद तिवारी महँ बताता है और हिन्दू सब्द को मुस्लिमो ने दी हुवी गाली। उसका क्या उद्द्श्य है ये ठीक से जाने बैगर ही कुछ हिन्दू विरोधी और देश द्रोही विदेशी ब्राह्मण दयानद की बातो में आकर न केवल हिन्दू को गाली दे रहे है , वे अपने नेटिव पुरखे , धर्म के संतो का अपमान कर रहे है जिसमे बुद्धा , महावीर, कबीर और नानक और न जाने कितने लोग है जिन हो ने ब्राह्मण वैदिक धर्म का सदियों से विरोध किया है और सत्य धर्म , सत्य हिन्दू धर्म जिसमे वेद , भेद , जाती , वर्ण , होम - हवन , जनेऊ नहीं है , ब्राह्मण रेपिस्ट गोड्स नहीं है बड़े धैर्य और ईमानदारी के साथ बताया है।
वैदिक आर्य ब्राह्मण नहीं हिन्दू है , न ही हिंदुस्तानी , वे एक विदेशी समाज है जो हिन्दू और हिंदुस्तानी चाहे वो किसी भी गैर ब्राह्मण धर्म का क्यों न हो उन सब को घोर विरोधी है , देश और सभी हिंदुस्तानी लोगो के लिए घातक है १ हम उन सभी मूरख लोगो से उम्मीद करते है , जरा मूल भारतीय साधु संतो के विचार ठीक से पढ़े , उनके कार्य को समजे , वे सभी विदेशी ब्राह्मण और विदेशी वैदिक आर्य ब्राह्यण धर्म से आप को बचन चाहते थे ता की आप का शोषण न हो। सत्यार्थ प्रकाश , दयानन्द तिवारी कब से आप के हित का सोचने लगे ? होते तो न कहते वेद छोडो , जनेऊ छोडो !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
प्रचारक ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा
जिन वैदिक आर्य ब्राह्मण धर्म को महावीर , बुद्ध , कबीर , नानक और हजारो सत्य हिन्दू धर्मी नेटिव साधु , संतो ने वेद को भेद और असमानता का जनक माना उसी वेदो को सत्यार्थ प्रकाश नमक ब्रह्मिणवादी ग्रन्थ में दयानद तिवारी महँ बताता है और हिन्दू सब्द को मुस्लिमो ने दी हुवी गाली। उसका क्या उद्द्श्य है ये ठीक से जाने बैगर ही कुछ हिन्दू विरोधी और देश द्रोही विदेशी ब्राह्मण दयानद की बातो में आकर न केवल हिन्दू को गाली दे रहे है , वे अपने नेटिव पुरखे , धर्म के संतो का अपमान कर रहे है जिसमे बुद्धा , महावीर, कबीर और नानक और न जाने कितने लोग है जिन हो ने ब्राह्मण वैदिक धर्म का सदियों से विरोध किया है और सत्य धर्म , सत्य हिन्दू धर्म जिसमे वेद , भेद , जाती , वर्ण , होम - हवन , जनेऊ नहीं है , ब्राह्मण रेपिस्ट गोड्स नहीं है बड़े धैर्य और ईमानदारी के साथ बताया है।
वैदिक आर्य ब्राह्मण नहीं हिन्दू है , न ही हिंदुस्तानी , वे एक विदेशी समाज है जो हिन्दू और हिंदुस्तानी चाहे वो किसी भी गैर ब्राह्मण धर्म का क्यों न हो उन सब को घोर विरोधी है , देश और सभी हिंदुस्तानी लोगो के लिए घातक है १ हम उन सभी मूरख लोगो से उम्मीद करते है , जरा मूल भारतीय साधु संतो के विचार ठीक से पढ़े , उनके कार्य को समजे , वे सभी विदेशी ब्राह्मण और विदेशी वैदिक आर्य ब्राह्यण धर्म से आप को बचन चाहते थे ता की आप का शोषण न हो। सत्यार्थ प्रकाश , दयानन्द तिवारी कब से आप के हित का सोचने लगे ? होते तो न कहते वेद छोडो , जनेऊ छोडो !
नेटिविस्ट डी.डी.राउत
प्रचारक ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा
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