Monday, 31 December 2018

Samta Sainik Dal salutes Bhima Koregaon Warriors :

Nativist D.D.Raut at Samata Sainik Dal program at Khadakpada Circle , Kalyan West on 31 Dec , 2018 felicitating Nag Vanshi Native Warriors Kamble family solders vansaj who paricipate in Bhima Koregaon Native War against Peshwa of Pune and brought victory !

Nag Vanshi Kambles were garlanded and honored with towel and cap of honor and given a book on Gadge Baba . The program was organized by SSD Captain V D. Sapkad and Captain Sanjay Shivture . Many ladies and children were also present, Social Activist Sunil Salunke also paid respect to Bhima Koregaon War Native Warriors .

This day will be always remembered as Nativism Day : Native Warriors Day 1 January in the history .

500 Native Warriors of the 2nd Battalion of the 1st Regiment of Bombay Native Infantry, led by Captain Francis Staunton fought Bhima Koregaon War on 1 January 1818 and defeated Peshwa of Pune 28000 solders

We Salute Native Warriors who fought for Nativism !

Nativist D.D,Raut
President ,
Native Rule Movement
President, Native People's Party
Sayojaak , Native - Secular - Republican Front .

Saturday, 29 December 2018

इंडियन नेटिविज़्म :१ जनुअरी नेटिव वारियर्स डे और इंडियन नेटिविज़्म डे
इंडियन नेटिविज़्म , भारतीय नेटिविज़्म , हिंदुस्तानी नेटिविज़्म को १ जनुअरी २019 को ४७ साल होंगे। नेटिविस्ट डी डी राउत ने सं १९७३ के १ जनुअरी को बौद्धिक मंडल , शुक्रवारी वार्ड , पौनी , जिल्हा भंडारा , महाराष्ट्र में अपने कुछ युवा साथी के साथ इस मंडल का काम सँभालने के बाद जाती और वर्ण वेवस्था और गुलामी के खिलाफ लड़ने के लिए नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व पर अपना छोटासा सम्बोधन अपने साथी युवा कार्यकर्ता को किया था इन युवावो में विनायक मेश्राम , लीलाधर गजभिये , कमलाकर रामटेके आदि थे। विदेशी ब्राह्मण और उनका वैदिक ब्राह्मण धर्म हमारे लिए , देश के लिए हानिकारक है , ब्राह्मण हिन्दू नहीं है , हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है ये बात सुनाने के बाद युवावो ने ब्रह्मिनो के कुवमे थूकने का निर्णय किया था और कुछ ऐसे कुवो में हम युवक थूके थे। यह वर्णवाद , छुवाछुत , अस्पृश्यता आदि विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म के खिलाफ विद्रोह था। तब हम नहीं यही कोई २० -२५ साल के युवा थे और हमारी समज में विदेशी ब्रह्मिनो के कुवो में थूकना बड़ी बहादुरी थी। एक जीजा बाई ब्राह्मण विधवा थी जिस का वाडा हमारे शुक्रवारी वार्ड को लगकर रस्ते पर ही था वो बड़ा छुवाछुत मानतिथि और हम लोग महार के बच्चे जब भी वो रस्ते पर दिखाई देती उसे छूने की कोशिस करतेते थे जिस से वो क्रुद्ध हो कर हम लोगो को गाली देती थी। उसके वेड में कुवा था हम छूने के बाद वो दुबारा नाहतीथी। उसके बगिचेमे सन्तरा , अमरुद के पेड़ थे जिस पर जनुअरी में आछे बड़े फल होते थे जिसे हम रात को बोरा लेकर चुराने जाते थे कॉमपॉन्ड वाल लो लाँघ कर बहुत सारे फल चुरा लेते थे हमें बड़ा संतोष होता था।
आज हम जानते है १ जनुअरी १८१८ को नेटिव रेजिमेंट के कुछ ५०० वीर , बहादुर सैनिको ने विदेशी ब्राह्मण पुना का पेशवा के ४०००० के फ़ौज को हरा कर वर्णवादी , जातिवादी , छुवाछुत वादी वैदिक ब्राह्मण धर्मी पेशवा को हरा कर पेशवाने जो नेटिव महार लोको के कमर को जादू और मुँह को मटका बंधा था उस से मुक्ति पायी थी। इस लिए हम इस दिन को नेटिव वर्रिएर्स डे भी कहते है और इंडियन नेटिविज़्म डे भी कहते है। यह सैयोग ही है की नेटिविस्ट डी डी राउत ने अपना पहला सम्बोधन नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व पर १ जनुअरी १९७३ को किया था और नेटिव वारियर्स ने विदेशी ब्राह्मण पेशवा को १ जनुअरी , १८१८ में हरा दिया था।
पर नेटिविज़्म और नेटिव रूल नहीं आया था , विदेशी ब्राह्मण का रूल गया विदेशी ब्रिटिश रूल आया , थोड़ी रहत मिली पत्थर से ईट नरम इस कहावत से ठीक ही है पर नेटिव रूल आया नहीं।
इंडियन नेटिविज़्म , नेटिव हिंदुत्व का मकसद है नेटिव रूल लाना , प्रबोधन की शुरवात तो १ जनुअरी १९७३ से हुवी पर नेटिविस्ट डी डी राउत पौनी से मुंबई आने के बाद मुम्बई में फिर फेडरेशन फॉर ईरादिकेशन ऑफ़ इविल्स बनायी जिस में रमेश पानतावणे , आनद गेडाम , हुमने, लीलाधर गजभिये रहे। कुछ काम आगे बढ़ा , फिर लोग बिखर गए। मकसद कायम रहा.
फिर मूल भारतीय विचार मंच १९८९ में बना , नेटिव पीपल्स पार्टी , १५ अगस्त 1992 को बानी और इलेक्शन कमीशन , दिल्ली के साथ ११ -१ - १९९३ को पंजीकृत हुवी , एक आमदार भी पार्टी का चुना गया। मूल भारतीय विचार मंच और नेटिव पीपल्स पार्टी की स्थापना में प्रोफेसर , डॉक्टर भीमराव गोटे, विजय विसपुते , के जी पाटिल , वंदना ताई गोटे , दीपा राउत , जीजाबाई पाटिल , एन एस जगजापे आदि सहयोगी का बड़ाही ही महत्वपूर्ण रोल रहा है खास कर डॉ भीमराव गोटे और विजय विसपुते नेटिव पीपल्स पार्टी के संस्थापक रहे है। ४६ साल का ये नेटिविज़्म और नेटिव हिंदुत्व का प्रवास। पिछले ५ साल से सत्य हिन्दू धर्म सभा विचार दे रहा है हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अकाज अलग है। हिन्दू धर्म का एक मात्र धर्म ग्रन्थ है धर्मात्मा कबीर की वाणी बीजक और हिन्दू कानून है डॉ आंबेडकर लिखित हिन्दू कोड बिल। विदेशी वैदिक ब्राह्मण धर्म का धर्म ग्रन्थ है वेद और कानून है मनुस्मृति।
हमने कुछ नारे दिए है जैसे :
जनेऊ छोडो , भारत जोड़ो
हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं
हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है
हिंदुत्व वही , जिस में ब्राह्मण बिलकुल नहीं
विदेशी ब्राह्मण भारत छोडो
हमें पूरी उम्मीद है हिंदुस्तान में जल्दी ही नेटिव रूल आएगा।
१ जनुअरी नेटिव वारियर्स डे और इंडियन नेटिविज़्म डे की हम सभी नेटिव लोगो को बधाई देते है और मंगल कामना करते है।
नेटिविस्ट डी डी राउत ,
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट

Friday, 28 December 2018

विनंती
संजय कोकरे ओबीसी एनटी पार्टी , शिवश्री खेडेकर शिव राज्य पक्ष , प्रकाश आंबेडकर, रामदास आठवले, जोगेंद्र कवाडे, सुरेश माने, शाम गायकवाड, सुनील खोब्रागडे, जितेंद्र राऊत, कपिल सरोदे , बिडी बोरकर , विजय मानकर , इंदिसे आदी सर्व रिपब्लिकन गट मान्यवर याना नेटिविस्ट डी डी राऊत , संयोजक , नेटिव्ह - सेकुलर - रिपब्लिकन फ्रंट चे सादर फेस बुक वरून सार्वजनिक निमंत्रण फ्रंट च्या दिनांक २० जानेवारी , २०१८ रोजी कल्याण बैठकीला यावे हि विनंती .
आपला नम्र : 
नेटविस्ट डी डी राऊत ,
अध्यक्ष , नेटिव्ह पीपल्स पार्टी ,
संयोजक , नेटिव्ह सेकुलर रिपब्लिकन फ्रंट .

Monday, 24 December 2018

Hindu Penal Laws :

Crime and Punishment is most important thing to keep peace and prosperity of society . In ancient Hindu Society before Vedic Dharmi Brahmins invaded Hindustan it was existing in Sindhu - Hindu Civilization where there was public system of Civil maintenance for Civil Society penal system was also existing for crimes however forgiveness and mild punishment , small amount of monetary fine ruled that system as the society was close related to each other and being all Native Hindus .

Videshi Vedic Brahmin Dharm had there own separate religious and penal system . Videshi Vedic Brahmin Dharm had Vedas recognized as Dharm Granth but their Penal Laws have been changing and many . They included many Dharm Sutras and Dand Vidhan and many Smritis one among them was Manusmirti

Historically Buddhist , Jain , Sikh are called Hindu and had Common Hindu Dharm thinking which opposed Vedic Brahmin Dharm of ved and Bhed and Common Penal Laws and System as can be noted from Non Brahmin various scriptures under which Lord Shiva had punished rapist Brahma , Lord Ram kill Videshi Vedic Dharmi Ravan for abducting Sita and Lord Krishna killed Vedic Brahmin Dharmi Brahmin Asvathama for his heinous crime of killing Dropadi sons when they were sleeping . Chhtrapati Shivaji maharaj killing Vedic Brahmin Dharmi Brahmin Bhaskar Kulkarni and Chhatrapati Sambhaji Maharaj punishing Vedic Brahmin Dharmi Brahmin courtesans who had conspired against Hindvi Swaraj .

Samarat Ashok had issued many orders governing Crime and Punishment and they were guided by Native Hindu Dharm which included Buddhism , Jainism also and the same is acknowledged by Dr Ambedkar also in his work Hindu Code Bill which were later in acted as Hindu Laws .

Nativst D.D.Raut
President,
Native Rule Movement #NRM