Saturday, 1 September 2018

नेटिव भगवान शिव शंकर पुत्र वीरभद्र , गणेश , कार्तिकेय :

नेटिव भगवान शिव शंकर को अनेक पत्निया हुवी , गिरजा नेटिव काली सवाली थी , गौरी ब्राह्मण गोरी थी , २७ कृतिकाये गोरी ब्राह्मण थी। जिसे वीरभद्र , कालभैरव , मल्हार जिसे नाम से जाने वाला जेठ पुत्र नेटिव गिरजा से हुवा , द्वितीय पुत्र गौरी ब्राह्मण से हुवा जिसे गणेश , गणपति , विनायक , गणनायक आदि नाम से जाना जाता है। चुकी वो वर्ण संकर से हुवा था न काला था न गोरा बल्कि ताम्ब्र वर्ण था , आखे छोटी थी , कान लम्बे थे , कुछ मोटा था , दाँत थोड़े बाहर आये हुवे थे जिसे ब्राह्मण मलिन मार्ग से पैदा हुवा और वर्ण संकर होने के कारण पसंद नहीं करते थे , न शिव शंकर ने उसका गाला काटा , न हाथी का सर लगाया। शिव शंकर ने उसे बाद में गणनायक बना दिया। गणेश ने अपनी माँ के यानि गौरी के उसके नाना के घर जलकर मर जाने का बदला ब्रह्मिनो से लिया जिस कारण गणेश विघ्नकर्ता कहलाये। फिर एक दिन उसे ब्रह्मिनो ने घर बुलाकर पानी में डुबोकर लार डाला। कृतिका से पैदा हुवा कार्तिकेय ब्रह्मिनो से का मिला जिसे ब्रह्मिनो ने ब्रह्मिनो ला सेनापति बना दिया।

नेटिव हिन्दू गणेश अपने घर बिठाना चाहते है तो हाथी का सूंड वाला ना बैठिये , मानव रूप में बिठाये, उसे जनेऊ ना पहनाये , न किसी ब्राह्मण को पूजा विधि के लिए बुलाये , आप खुद करे। अन्यथा सब व्यर्थ है। नेटिव भगवान शिव शंकर ब्रह्मिणद्वारा पूजासे कभी प्रसन्न नहीं होते क्यू की उन्हों ने ब्रह्मा को मारा , ब्रह्मिनो को मार भगाया उनके गण यानि रक्षक ब्राह्मण होम हवन को रामायण काल तक तहस नहस करते रहे है। हिन्दू धर्म और ब्राह्मण धर्म अलग अलग है आज हिन्दू धर्म धर्मात्मा कबीर की वाणी बीजक में सुरक्षित है , उस विधि से हिन्दू की सभी पूजा विधि करे।

वीरभद्र , कालभैरव , मल्हार मसोबा के नाम से नेटिव लोगो में पूजने जाने लगा। गांव गांव में उसके मंदिर बने पाए जाते है।

नेटिविस्ट डी डी राउत ,
प्रचारक
सत्य हिन्दू धर्म सभा।

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