Saturday, 15 September 2018

सत्य योद्धा , सत्य का सिपाही :

नेटिविस्ट डी डी राउत अपनाने आप को सत्य योद्धा सत्य का सिपाही मानते है।

सत्य से सम्बंधित लोगो को कई तरह जाना जाता है। बुद्धा ने सत्य हिन्दू धर्म फिर से एक बार नए सिरे से बताया इस लिए बुद्धा को सत्य धर्म दाता भी माना जाता है। कबीर ने अपने आप को सत्य वक्तi माना . फुले ने सार्वजानिक सत्य धर्म बताया , वो सत्य धर्मी हुवे। गांधीने अपने आप को सत्य प्रयोगी बताया। आंबेडकर ने बुद्धा अपनाकर सत्य मार्गी बने।

सत्य को जिन जिन लोगो ने अपनाया वे महान , महात्मा , धर्मात्मा ,बाबासाहेब , बोधिसत्व बने। इन लोगो ने सत्य अपनाया पर सत्य के लिए जी जान से लड़ो , प्राणोंकी बाजी लगा दो किसी ने नहीं कहा

हिंदुस्तान में सत्य की लड़ाई मूलतः विदेशी ब्राह्मण और उनका असत्य वैदिक ब्राह्मण धर्म से रही है .

पौराणिक काल में नेटिव भगवiन , महापुरुष शिव , राम . कृष्ण सत्य बताते रहे पर समय के साथ साथ उन्हों ने विदेशी ब्राह्मण , ब्राह्मण अधर्म से दुश्मनी छोड़ दी और उन्हें अपना धर्म फ़ैलाने की अनुमति दी नतीजा , ब्राह्मण अधर्म फलता गया और बुद्धा , महवीर का समय आते आते विकराल रूप से सामने आया . जो गलती हमारे पुर्वजोने ब्रह्मिनो को ढील देने की की उसे फिर दोहराया गया और दुर्भाग्य से कबीर , फुले , गाँधी , आंबेडकर भी वही गलती कर बैठे , वे सत्य धर्मी , सत्य आग्रही . सत्य मार्गी , सत्य प्रयोगी तो बने पर कोई सत्य योद्धा ना बन पाया
.
आज भी लोग विदेशी ब्राह्मण को नहीं ब्रह्मिणवाद से नफ़रत करो कहते है तब हमें हसी आती है। भाई कब तक आप असत्य से इस तरह निपटते रहोगे , मिट जावोगे पर समस्या कभी मिटा नहीं पावोगे , हमें अपने आप को सत्य का सिपाही कहनेमें कोई संकोच नहीं क्यों की सत्य को लड़ कर प्रस्थपित करना भी एक सत्य ही है।

नेटिविस्ट डी डी राउत का मानना है की केवल सत्य बताते से काम नहीं चलेगा . सत्य के लिए लढना होगा , असत्य और असत्य का पुरस्कार करने वाले लोग ब्राह्मण भी मिटने होंगे . भागने होंगे .

नेटिविस्ट डी डी राउत .
अध्यक्ष ,
नेटिव रूल मूवमेंट

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