अल्लाह का एक नाम कबीरा :
अल्लाह का एक नाम कबीरा
सम्राटोका सम्राट वो फकीरा
जेष्ठ पूर्णिमा को जन्म पाया
अंधियारे में उजियारा आया
पाक साफ़ सदा उसका दामन
उजले हिरे जैसा उसका मन
शेला बुनता , रोज कमाता
लोई से घर गृहस्ती चलाता
कमल,कमला का था वो पिता
आने जाने वालो को भोजन कराता
धर्म ज्ञान के दो चार दोहे सुनाता
समता, भाईचारे की ज्योत जगाता
सत्य ही वक्ता , सत्य का ज्ञानी
गुणोंका सागर, शीलो का धनि
राम का नामी , राम ही जानी
जग रहाटी मन तृष्णा को मानी
वेद , भेद , ब्राह्मण नाकारा
सत्य हिन्दू धर्म स्वीकारा
जात , पात , वर्ण ना माना
सब मानव , एकहि जाना
कबीर वाणी बीजक में गाई
जन जन का धर्म वही बताई
हिन्दू धर्म की शान बढ़ाई
वेद्ब्राह्मण धर्म की ठुकाई
मगहर जाकर देह त्यागा
ब्रह्म राक्षस मन से भागा
वही मंदिर, मस्जिद आयी
मन की शांति सब ने पायी
#जनसेनानी #Jansenani कल्याण

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