Wednesday, 2 May 2018

यही संतान सत्य है !

सनातन इस शब्द के दो अर्थ हैं। एक जो "प्राकृतिक" और अन्य "पोंगा पंडित वैदिक ब्राह्मण धर्म" है। विदेश ब्राह्मण इस शब्द का प्रयोग खुद के लिए करते हैं जहां बुद्ध ने प्राकृतिक कानून के लिए इस शब्द का प्रयोग किया था। अम्बेडकर आंदोलन के दौरान इस शब्द सनातन का प्रयोग उन ब्राह्मणों के लिए किया गया था जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ थे। गांधी और अम्बेडकर ने मदन मोहन मालवी और अन्य विदेश ब्राह्मणों को सनातन के रूप में बुलाया क्योंकि वे पोंगा पंडित थे। हिंदू धर्म विशाल और ब्राह्मण धर्म से अलग है और हालांकि यह सिंधु सभ्यता काल से मौजूद था, उस समय इसे शिव धर्म या सत्य हिंदू धर्म कहा जा सकता था। हिंदू एक बहुत पुराना शब्द है। सम्राट अशोक ने खुद को हिंदु का राजा कहा। और ग्रीक लोगो ने इस देश को हिन्दू से इंडो बनादिया जो आज हम इंडिया कहते है वह मूलतः हिण्डो , हिन्दू , हिंदुस्तान है। विदेशी ब्राह्मण हिंदुस्तान में बाहर अर्थात यूरेशिया से आये है है बात कितनेही विदेशी इतिहासकार और खुद तिकल , नेहरू , भंडारकर, सावरकर , डांगे लिख चुकें है

अब विदेशी ब्राह्मण धर्म को सनातन नहीं वैदिक ब्राह्मण धर्म कहा जाता है और सनातन यह काल ग्राही सब्द या तो सत्य हिन्दू धर्म या बौद्ध धर्म के लिए प्रयुक्त होता है। हिन्दू पुरातन है , आदि अनादि है , नेटिव है , नेचरल है इस लिए वही सनातन सत्य हिन्दू धर्म है जहा विदेशी ब्राह्मण नहीं होता है , वेद और भेद नहीं होता है , वर्ण , और जाती नहीं होते है , ऊंचनीच , भेदाभेद नहीं होता है , जो हम आज नेटिव सत्य हिन्दू धर्म के एकमात्र धर्म ग्रन्थ बीजक में पाते है वही विदेशी ब्राह्मण धर्म वेद और भेद , मनुस्मृति की जाती , वर्ण , बेदाभेद वेवस्था में असमानता देखि जाती है।

सनातन यानि सत्य , हिन्दू धर्म सत्य है , ब्राह्मण धर्म असत्य है।
सनातन यानि मानवता , समानता जो हिन्दू धर्म में है , ब्राह्मण धर्म में नहीं।

आज ये सब्द इतना प्रासंगिक नहीं क्यों की अब स्पस्ट हो चूका है ब्राह्मण धर्म और हिन्दू धर्म अलग अलग है। हिन्दू वोही , जो ब्राह्मण नहीं , हिंदुत्व वही , जिसमे ब्राह्मण नहीं , जनेऊ नहीं , होम हवन नहीं , ब्राह्मण पुजारी , पंडित नहीं।

यही संतान सत्य है !

नेटिविस्ट डी डी राउत ,
प्रचारक ,
सत्य हिन्दू धर्म सभा

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